कुम्हारी। हरित कुंभ प्लास्टिक मुक्त कुंभ के तहत कुम्हारी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा लोगों से सहयोग लेकर एक थाली हर

एक व्यक्ति को प्रयागराज कुंभ में देने की योजना पर राशि स्वयंसेवक संघ द्वारा दुर्ग जिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से
जन सहयोग से 369 थालियां थैला सहित 44,649 रुपए भेजा गया ताकि कुंभ में प्रयागराज पहुंचे हर एक व्यक्ति को एक थाली
एक थैला देकर हरित कुंभ प्लास्टिक मुक्त कुंभ में सहयोग मिल सके।
बता दें कि आगामी 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक
प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन किया गया है जिसमें 45 दिनों में अनुमानित 40 करोड़ श्रद्धालुओं के सम्मिलित होने
का अनुमान है। कुम्हारी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का यह सहयोग इस विशाल आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण साबित
होगा साथ ही सभी से अपील है कि समस्त श्रद्धालु भी इसका हिस्सा बनें।

कुंभ मेला का महत्व
धार्मिक महत्व: कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं।
सांस्कृतिक महत्व: यह मेला भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक जीवंत प्रदर्शन है।
आध्यात्मिक महत्व: कुंभ मेला आध्यात्मिक विकास और आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए एक अवसर प्रदान करता है।
कुंभ मेला 2025 की विशेषताएं
हरित कुंभ: 2025 के कुंभ मेले को एक हरित कुंभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें प्लास्टिक मुक्त वातावरण बनाने
और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
अत्याधुनिक सुविधाएं: श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं जैसे कि शौचालय, पेयजल, और चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंध किया जा रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था: मेले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
कुंभ मेला में क्या देखने को मिलता है?
धार्मिक अनुष्ठान: विभिन्न संप्रदायों के साधु-संतों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: संगीत, नृत्य और नाटक जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
धार्मिक मेले: मेले में विभिन्न प्रकार के धार्मिक मेले लगते हैं।
खाने-पीने के स्टॉल: विभिन्न प्रकार के खाने-पीने के स्टॉल लगाए जाते हैं।