निकाय चुनाव के तारीख की घोषणा के साथ ही दावेदार हुए सक्रिय
टिकट के लिए कर रहे मशक्कत
कुम्हारी। नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही नगर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई थी, वहीं 20 जनवरी को चुनाव के तारीख की घोषणा के साथ ही दोनों ही प्रमुख पार्टियों के दावेदार अपने–अपने स्तर पर जन संपर्क में जुट गए हैं।
बता दे कि इस बार कुम्हारी पालिका में अध्यक्ष पद हेतु महिला ओबीसी होने के कारण दावेदारों में सक्रियता कुछ ज्यादा ही दिखाई देने लगी है। वहीं वार्डो के परिसीमन के बाद कई पूर्व पार्षद भी अपने लिए नई जगह तलाशने में जुट गए हैं। परिसीमन से कई वार्डो के सशक्त दावेदारों को भी अपनी जमीन तलाशने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं।
विगत 10 वर्षों के बाद महिला ओबीसी
विगत 10 वर्षों के बाद इस बार अध्यक्ष पद के लिए महिला ओबीसी होने की वजह से यहां कड़ा मुकाबला होने की प्रबल संभावना है। हमेशा की तरह इस बार भी मुख्य राजनैतिक दलों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने–अपने प्रत्याशी के साथ इस चुनाव में अपना प्रतिनिधि बनाने के लिए चुनावी गुणा भाग में लगी हुई है।
पिछले दिनों स्थानीय भाजपा की बैठक में अध्यक्ष और पार्षद पद के दावेदारों ने अपनी दावेदारी आलाकमान तक पहुंचा दी हैं, वहीं कांग्रेस की ओर से संभावित नाम तो उभरे है लेकिन इस दौड़ में शायद कुछ नाम और उभर कर सामने आ सकते है। अगर निर्दलीय प्रत्याशियों की बात करे तो अब तक पार्टी से इतर कोई चेहरा सामने नहीं आया हैं जिसकी दावेदारी को लेकर कोई चर्चा हो रही हो।
अगर देखें तो इस मामले में भाजपा की ओर से दावेदारों की लंबी सूची हैं जिन्होंने स्वयं को प्रबल दावेदार मानकर टिकट की मांग की हैं वहीं कांग्रेस में संख्या कम है। इस बार दोनों ही पार्टी के दावेदार पढ़े लिखे, सुलझे हुए और अपनी–अपनी पार्टी के लिए समर्पित लोग हैं लगता है।
इस बार पार्टी को दावेदारों की फेहरिस्त देखकर गहन विचार, चिंतन और उनके कार्यों को देखकर ही फैसला करना पड़ेगा। जहां भाजपा के दावेदारों के फेहरिस्त को लगभग विराम लग गया है वहीं कांग्रेस ने अभी भी दावेदारों के लिए रास्ते खुले रख छोड़े है।
चुनाव के तारीख के घोषणा के साथ ही तमाम दावेदार सक्रिय होकर जनसंपर्क में जुट गए हैं जहां कांग्रेस के दावेदार विकास के मुद्दे को लेकर ताल ठोक रहे है वहीं भाजपा के लोग सत्ता में आने के पश्चात नगर के चहुमुखी विकास को लेकर अपनी बात कहते सुने जा रहे है।
भाजपा से आठ और कांग्रेस से पांच ने प्रस्तुत की अपनी दावेदारी
भाजपा के दावेदारों में प्रमुख रूप से श्रीमती योगिता वर्मा, श्रीमती रागिनी निषाद, श्रीमती तृप्ति चंद्राकर, श्रीमती बबीता साहू, श्रीमती मीना वर्मा, श्रीमती रितिका यादव, श्रीमती संध्या साहू एवं श्रीमती कंचन लता चंद्राकर प्रमुख हैं। भाजपा के ये सभी दावेदार उच्च शिक्षित सामाजिक गतिविधियों में अग्रणीय एवं पार्टी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कुछ पूर्व में पार्षद तो कुछ के पति पार्षद रह चुके है सभी की अपनी अपनी योग्यताएं है जिसके दम पर इन्होंने टिकट के लिए ताल ठोकी हैं।
इसी तरह कांग्रेस के दावेदारों में प्रमुख रूप से श्रीमती रामप्यारी पटेल, श्रीमती प्रियंका चंद्राकर, श्रीमती बेबी वर्मा, श्रीमती गीतांजलि साहू एवं श्रीमती मीना साहू भी उच्चशिक्षित, सामाजिक एवं पार्टी स्तर पर अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। इसमें से ज्यादातर दावेदारों के पति लगातार पार्षद पद में रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहे हैं।
बहरहाल, नगरीय निकाय के इस चुनाव में दोनों राजनीतिक दल किसे अपना उम्मीदवार चुनती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन दोनों ही पार्टियों के समक्ष यह तो चुनौती अवश्य हैं कि भाजपा को 10 वर्ष के पश्चात नगर पालिका में काबिज होने का मौका मिलेगा या कांग्रेस गत वर्षों की अपनी विजयी परंपरा को क़ायम रख पाएगी?