आदर्श आचार संहिता: एक संक्षिप्त परिचय

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चुनाव आने के बाद हमें एक चीज जरूर सुनने को मिलता है वह है आदर्श आचार संहिता। मगर कई लोगों को इसकी पूरी तरह जानकारी नहीं होती इस वजह से सोच में पढ़ जाते है। क्या होता है आदर्श आचार संहिता? क्यों लगता है आचार संहिता? आइए संक्षिप्त में इस लेख के माध्यम से समझने की कोशिश करते है।

आदर्श आचार संहिता क्या है?

आदर्श आचार संहिता एक ऐसा दिशानिर्देश है जो चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकार द्वारा पालन किया जाता है। इसका उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है।

यह संहिता चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाती है और इसमें चुनाव प्रचार, भाषण, मतदान और अन्य संबंधित गतिविधियों के नियम शामिल होते हैं।

आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य –

* निष्पक्ष चुनाव – यह सुनिश्चित करना कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले।

* धांधली रोकना – चुनाव में धांधली और अनियमितताओं को रोकना।

* हिंसा रोकना – चुनाव के दौरान हिंसा और अशांति को रोकना।

* मतदाताओं को प्रभावित करने से रोकना – मतदाताओं को धर्म, जाति या अन्य आधार पर प्रभावित करने से रोकना।

आदर्श आचार संहिता के प्रमुख बिंदु –

* चुनाव प्रचार – चुनाव प्रचार के लिए समय और स्थान की सीमाएं।

* भाषण – भाषणों में धर्म, जाति या व्यक्तिगत हमलों से बचना।

* सरकारी संसाधनों का उपयोग – चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग प्रतिबंधित।

* मतदान – मतदान केंद्रों के आसपास शांति बनाए रखना।

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन –

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

निष्कर्ष – आदर्श आचार संहिता एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हों।

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